Karwa Chauth 2024: कब है करवा चौथ? जानें पूजा शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय!
करवा चौथ का त्यौहार आ रहा और बाजारों में भी करवा चौथ की तैयारी जोरों सोरों से इसीलिए अब सवाल ये उठता हैं की ये कब मनाई जायेगी पर सबसे बड़ा सवाल ये हैं की ये क्यों मनाई जाती हैं और इसमें कोनसे महिलाओं को इस दिन नहीं करने चाहिए तो ये सब जानकारी आपको है यहाँ पर ही मिल जाएगी जिस से आपको कही और जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी तो जरूर पढ़े हमारे Karwa Chauth 2024 ब्लॉग को
Karwa Chauth 2024 से जुड़ी हर जानकारी जो आपको यहां मिल जायेगी
2024 mein karwa chauth kab hain
करवा चौथ 2024 में 20 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी। यह व्रत हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को को मनाया जाता हैं | इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। यह भारत के जम्मू, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाने वाला पर्व है।
Karwa chauth kyon manaya jata hai
करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के बीच प्रेम, विश्वास और समर्पण का प्रतीक है। प्राचीन कथाओं के अनुसार, यह व्रत सावित्री द्वारा अपने पति सत्यवान के जीवन की रक्षा करने की कहानी से जुड़ा है। सावित्री ने यमराज से अपने पति का जीवन मांगा और उसके तप व समर्पण से प्रभावित होकर यमराज ने सत्यवान को जीवनदान दिया। इसी प्रकार, आज की विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और स्वस्थ जीवन के लिए यह व्रत रखती हैं।
करवा चौथ के दिन क्या न करें?
करवा चौथ का व्रत कठिन माना जाता है, क्योंकि इसमें सूर्योदय से लेकर चंद्रमा दर्शन तक निर्जला व्रत किया जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए:
- व्रत तोड़ने से बचें: यह व्रत बहुत कठोर होता है और इसे बिना जल या भोजन ग्रहण किए संपूर्ण करना आवश्यक होता है। इसलिए इसे बीच में तोड़ना नहीं चाहिए।
- नकारात्मकता से दूर रहें: इस दिन गुस्सा, झूठ बोलना, और किसी के प्रति दुर्भावना रखना वर्जित होता है।
- सूर्यास्त के बाद भोजन या जल ग्रहण न करें: जब तक चंद्रमा का दर्शन नहीं हो जाता, तब तक जल या भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
Karwa chauth 2024 mein chand kab niklega
करवा चौथ 2024 में चंद्रमा का उदय रात लगभग 8:15 बजे होगा (समय स्थान के अनुसार बदल सकता है)। व्रती महिलाएं चंद्रमा के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर अपना व्रत तोड़ती हैं। इस दौरान चंद्रमा की पूजा की जाती है और पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत समाप्त किया जाता है।
karwa chauth ki puja kaise karen
करवा चौथ का व्रत पूरे विधि-विधान के साथ किया जाता है। पूजा की विधि इस प्रकार है:
- सजावट और तैयारियाँ: महिलाएं इस दिन विशेष रूप से सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें नई साड़ी, चूड़ियाँ, बिंदी, कुमकुम आदि शामिल होते हैं।
- पूजा की तैयारी: पूजा के लिए एक करवा, मिट्टी की गणेश जी की मूर्ति, चावल, रोली, दीपक, और जल का लोटा रखें। थाली में मिठाई, फल, सिंदूर, और अन्य पूजन सामग्री रखें।
- कथा सुनना: दोपहर के समय व्रती महिलाएं एकत्रित होकर करवा चौथ की कथा सुनती हैं। कथा सुनने से व्रत का महत्त्व बढ़ जाता है।
- चंद्रमा को अर्घ्य: रात को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद महिलाएं छलनी से चंद्रमा और अपने पति का मुख देखती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देते हुए भगवान से पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
- व्रत तोड़ना: पति के हाथों से जल और मिठाई ग्रहण कर व्रत समाप्त किया जाता है।
Karwa chauth mein kiski puja hoti hain
करवा चौथ के दिन विशेष रूप से भगवान शिव, माता पार्वती,करवा माता, भगवान गणेश और चंद्रमा की पूजा की जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद पाने के लिए महिलाएं इनकी पूजा करती हैं। चंद्रमा को भी विशेष रूप से पूजित किया जाता है, क्योंकि चंद्रमा को शांत और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है।
करवा चौथ के महत्व
करवा चौथ सिर्फ एक व्रत ही नहीं, बल्कि यह पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाने का अवसर है। इस दिन पति और पत्नी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम और विश्वास को और गहरा करते हैं। यह व्रत भारतीय संस्कृति में स्त्रियों की शक्ति, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है।
करवा चौथ 2024 में 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन विवाहित महिलाओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है, क्योंकि इस दिन वे अपने पति की लंबी आयु और स्वस्थ जीवन के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को करते समय पूजा विधि और मान्यताओं का ध्यान रखना आवश्यक होता है।
FAQ’s related to Karwa Chauth 2024
(1) करवा चौथ 2024 कब है?
करवा चौथ का व्रत इस साल 20 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
(2) करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का समय क्या है?
चंद्रमा का उदय शाम 7:54 बजे होगा, और तभी अर्घ्य दिया जाएगा।
(3) सरगी का क्या महत्व है?
सरगी वह आहार है जो सूर्योदय से पहले सास अपनी बहू को देती है ताकि वह दिनभर निर्जला व्रत का पालन कर सके।
(4) अगर गलती से व्रत टूट जाए तो क्या करें?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, अगर व्रत टूट जाए तो पति-पत्नी को भगवान शिव और माता पार्वती से क्षमा याचना करनी चाहिए।
(5) करवा चौथ पर कौन-कौन से अनुष्ठान किए जाते हैं?
इस दिन महिलाएं मिट्टी के करवे में जल भरकर शिव, पार्वती और गणेश जी की पूजा करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं