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    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें : होगा बम्पर मुनाफा ब्लॉग को बिना पढ़े ना जाए

    AapkikhetiBy AapkikhetiSeptember 22, 2025Updated:September 23, 2025No Comments5 Mins Read
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    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें-Aapkikheti.com
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    • नवंबर में बोई जाने वाली फसलें : होगा बम्पर मुनाफा ब्लॉग को बिना पढ़े ना जाए
      • गेहूँ की खेती
      • चना की खेती
      • राई-सरसों की खेती
      • जौ की खेती
      • मटर की खेती
      • FAQ’s नवंबर में बोई जाने वाली फसलें

    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें : होगा बम्पर मुनाफा ब्लॉग को बिना पढ़े ना जाए

    नवंबर का महीना किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। रबी फसलों की बुवाई का यह सही समय माना जाता है क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा होने लगता है और मिट्टी में नमी बनी रहती है। सही समय पर बुवाई से पैदावार अच्छी होती है और किसानों को बाजार में बढ़िया दाम मिलते हैं। आइए जानते हैं उन फसलों नवंबर में बोई जाने वाली फसलें के बारे में जिनकी बुवाई नवंबर में करना सबसे फायदेमंद माना जाता है। Follow On Instagam

    गेहूँ की खेती

    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें-Aapkikheti.com

    नवंबर का महीना गेहूँ की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त होता है। गेहूँ मुख्य रूप से रबी फसल है, जिसे ठंडी जलवायु की जरूरत होती है। इसकी बुवाई नवंबर के मध्य से दिसंबर के पहले सप्ताह तक करनी चाहिए। गेहूँ की अच्छी उपज के लिए दोमट और जलनिकासी वाली भूमि सबसे बेहतर मानी जाती है। सामान्यत: गेहूँ की फसल 120 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है। कटाई का समय मार्च से अप्रैल तक रहता है। समय पर गेहूँ की बुवाई करने से उत्पादन अधिक और गुणवत्ता बेहतर होती है। बाजार में गेहूँ की मांग सालभर रहती है, जिससे किसान को निश्चित मुनाफा मिलता है। अगर सिंचाई और खाद का सही ध्यान रखा जाए तो प्रति बीघा पैदावार दोगुनी की जा सकती है।

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    चना की खेती

    चना भारत की प्रमुख दलहनी फसलों में से एक है और इसे नवंबर माह में बोना सबसे अच्छा माना जाता है। चना की बुवाई सामान्यत: अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के मध्य तक करनी चाहिए। इसके लिए हल्की से मध्यम दोमट भूमि उपयुक्त रहती है। चना की फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह सूखा सहनशील फसल है। सामान्यत: यह 100 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसकी कटाई फरवरी-मार्च में की जाती है। चना की पैदावार अच्छी होने पर किसान इसे दाल, बेसन और पशु आहार के रूप में बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। साथ ही चना मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाता है, जिससे अगली फसल भी लाभकारी होती है। बाजार में चना की मांग हमेशा बनी रहती है।

    राई-सरसों की खेती

    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें-Aapkikheti.com

    राई-सरसों नवंबर में बोने के लिए एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है। इसकी बुवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के पूरे महीने तक की जाती है। सरसों की खेती के लिए हल्की से मध्यम दोमट मिट्टी जिसमें पर्याप्त नमी हो, उपयुक्त रहती है। इसकी फसल सामान्यत: 90 से 120 दिनों में तैयार हो जाती है और फरवरी-मार्च में इसकी कटाई होती है। सरसों का तेल भारत के रसोईघरों में सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है, इसलिए इसकी मांग हमेशा बनी रहती है। किसान इसे बेचकर सीधा नकद लाभ प्राप्त कर सकते हैं। सरसों की खेती में लागत कम और मुनाफा अधिक होता है, इसलिए यह किसानों की पहली पसंद रहती है। यदि समय पर बुवाई और उचित खाद डालकर देखभाल की जाए, तो इसकी उपज दोगुनी की जा सकती है।

    जौ की खेती

    जौ की खेती भी नवंबर में करना सबसे उपयुक्त होता है। यह एक रबी फसल है, जिसे ठंडी जलवायु में बोया जाता है। इसकी बुवाई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर तक की जाती है। जौ की खेती के लिए हल्की से मध्यम दोमट मिट्टी उपयुक्त रहती है। जौ की फसल सामान्यत: 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है और मार्च-अप्रैल में इसकी कटाई की जाती है। जौ का उपयोग मुख्य रूप से बियर उद्योग, पशु चारा और दलिया बनाने में होता है। इसकी मांग बाजार में लगातार बनी रहती है। जौ की खेती कम पानी और कम लागत में की जा सकती है, जिससे यह किसानों के लिए लाभदायक विकल्प बन जाती है। सही तकनीक और समय पर बुवाई करने से जौ की पैदावार काफी बढ़ाई जा सकती है।

    मटर की खेती

    नवंबर में बोई जाने वाली फसलें-Aapkikheti.com

    नवंबर का महीना मटर की खेती के लिए बेहद उपयुक्त है। मटर की बुवाई अक्टूबर के अंत से लेकर नवंबर के पूरे महीने तक की जाती है। इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है और दोमट मिट्टी इसमें सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मटर की फसल सामान्यत: 90 से 110 दिनों में तैयार हो जाती है और फरवरी-मार्च में इसकी तुड़ाई की जाती है। मटर की हरी फलियां बाजार में सब्जी के रूप में अच्छी कीमत पर बिकती हैं, जबकि सूखी मटर का उपयोग दाल और स्नैक्स बनाने में किया जाता है। किसान एक ही फसल से कई बार तुड़ाई कर सकते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त मुनाफा मिलता है। इसकी मांग शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में काफी अधिक रहती है।

    FAQ’s नवंबर में बोई जाने वाली फसलें

    Q1. नवंबर में कौन-कौन सी फसलें बोई जाती हैं?
    👉 नवंबर में गेहूँ, चना, राई-सरसों, जौ और मटर जैसी रबी फसलें बोई जाती हैं, जो किसानों को अच्छी पैदावार और मुनाफा देती हैं।

    Q2. गेहूँ की बुवाई का सही समय क्या है?
    👉 गेहूँ की बुवाई नवंबर के मध्य से लेकर दिसंबर के पहले सप्ताह तक करनी चाहिए।

    Q3. चना की खेती के लिए कैसी मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है?
    👉 चना की खेती के लिए हल्की से मध्यम दोमट भूमि उपयुक्त रहती है और इसे ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती।

    Q4. सरसों की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है?
    👉 सरसों की फसल सामान्यत: 90 से 120 दिनों में पककर फरवरी-मार्च तक कटाई के लिए तैयार हो जाती है।

    Q5. मटर की खेती से किसानों को क्या फायदा होता है?
    👉 मटर की हरी फलियां सब्जी के रूप में और सूखी मटर दाल व स्नैक्स बनाने में बिकती है। इससे किसान एक ही फसल से कई बार तुड़ाई कर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं।

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