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    कृषि

    पपीता की खेती : कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा

    AapkikhetiBy AapkikhetiJanuary 11, 2025Updated:January 11, 2025No Comments5 Mins Read
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    Table of Contents

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    • पपीता की खेती : कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा
      • 1. पपीता की खेती कैसे करें
      • 2. पपीता की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी
      • 3.जलवायु और मिट्टी
      • 4.Papita ki kheti का समय
      • 5. पपीता की उन्नत किसमें
      • 6. बिजाई
      • 7.खाद
      • 8. पपीता के पेड़ की देखभाल
      • 9. खरपतवार नियंतरण
      • 10. सिंचाई
      • 11. फसल की कटाई
      • 12. पपीता की खेती में लागत
      • 13. पपीता की खेती से लाभ

    पपीता की खेती : कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा

    पपीता की खेती एक महत्वपूर्ण कृषि विषय है जो भारत में व्यापक रूप से की जाती है। पपीता एक प्रमुख फल है जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है, और इसकी खेती से किसानों को संग्रहित मुनाफा प्राप्त होता है।
     एक लाभकारी कृषि व्यवसाय हो सकती है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में जल और उर्वरक के साथ-साथ उचित मौसम की भी आवश्यकता होती है। पपीते को अधिकतर गर्म और उमस भरे क्षेत्रों में उत्पन्न किया जा सकता है। यदि आप हमारे इंस्टाग्राम चैनल से जुड़ना चाहते है तो यहाँ क्लिक करे

    पपीता की खेती

    1. पपीता की खेती कैसे करें

    इसके लिए सबसे पहले आपको अच्छी जमीन का चयन करना होगा। मिट्टी हल्के अम्लीय (अम्लीय) और बलुई दोमट मिट्टी में पपीता की खेती अच्छी होती है। मिट्टी का pH स्तर 6 से 6.5 के बीच होना आवश्यक है। भूमि को अच्छी तरह से जोतने के बाद, उसमें कम्पोस्ट या जैविक खाद मिलाकर उसे खेती के लिए तैयार करना चाहिए।। पौधे को 2-3 मीटर की दूरी पर लगाया जाना चाहिए ताकि उन्हें पूरी धूप और हवा मिल सके।

    2. पपीता की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी

    पपीता की खेती के लिए ज़मीन की तैयारी सबसे पहला और ज़रूरी कदम है। ज़मीन को पहले अच्छे से झिल्ली करें और पत्थर या कचरे को हटा दें। ज़मीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए जैविक खाद या खाद का उपयोग करें। सीड बेड बनाते समय ध्यान दें कि ड्रेनेज का सिस्टम ठीक हो, ताकी पानी इखटा ना हो।

    3.जलवायु और मिट्टी

    पपीता गरम और अर्द-हुमिद जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श है। मिट्टी की बात करें तो यह रेतीली दोमट या अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी के लिए सबसे अच्छी है। मिट्टी का pH लेवल 6 से 6.8 के बीच होना चाहिए।

    4.Papita ki kheti का समय

    इसकी खेती का समय वहां के भागोलिक स्थिति पर निर्भर करता है। आम तौर पर, इसकी  लिए जून-जुलाई या फरवरी-मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है। इस समय हवा और तापमान दोनों ही पपीता की अच्छी वृद्धि के लिए उपयुक्त होते हैं।

    5. पपीता की उन्नत किसमें

    पपीता की उन्नत किसमें उपलब्ध हैं, जो ज्यादा उत्पादन और अच्छी गुणवत्ता का फल देती हैं। कुछ प्रमुख किसमें हैं: पूसा बौना पूसा जाइंट पूसा नन्हा सीओ-1, सीओ-2 (तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किसमें ) ये सभी किसमें जल्दी फल देती हैं और इनमें रोग प्रतिरोधक शामता भी होती है।

    6. बिजाई

    बिजाई के लिए स्वस्थ और रोगमुक्त बिजोन का चयन जरूरी है। पपीता के बीज सीडबेड में या नर्सरी में लगते हैं। बिजाई करने का सही समय फरवरी-मार्च या जून-जुलाई होता है। बीजों को 1 से 2 सेमी गहरी मिट्टी में लगाना चाहिए और उन्हें गीली घास से ढकना चाहिए, ताकि नमी बनी रहे।

    7.खाद

    पपीता की वृद्धि के लिए संतुलित खाद की जरुरत होती है। रोपण के समय जैविक खाद का उपयोग करें। 50-60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 25-30 किलोग्राम फास्फोरस, और 25-30 किलोग्राम पोटेशियम प्रति एकड़ का उपयोग करना फायदेमंद होता है। उर्वरकों को अलग-अलग चरणों में लगाना चाहिए।

    8. पपीता के पेड़ की देखभाल

    पपीता के पेड़ को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखने के लिए उनकी अच्छी देखभाल जरूरी है। समय पर पानी देना, खाद डालना और जानकारी के अनुसर की तजावीरी की ज़रुरत होती है। बीज बोये जाने के बाद पहले 6 महीने तक पौधे को अच्छे से पानी देना होता है, और मानसून के समय थोड़ा काम पानी भी देंगे तो चलेगा |

    9. खरपतवार नियंतरण

    खरपतवार पपीता की वृद्धि को धीमी कर सकते है, इसलिए इसका नियंतरण जरूरी है। मल्चिंग तकनीक का उपयोग करने से खरपतवार की समस्या कम होती है। नियमित निराई करें और शाकनाशी का सीमित उपयोग करें।

    10. सिंचाई

    पपीता के पौधों को नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है, पर ज़्यादा पानी से बचाना चाहिए। 7 से 10 दिन के इंटरवल में पानी देना सही होता है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली पपीता की खेती के लिए अच्छी है, क्योंकि ये पानी और पोषक तत्वों का सर्वोत्तम उपयोग करता है।

    11. फसल की कटाई

    पपीता की फसल 9-12 महीने में तैयार हो जाती है। जब पपीता का रंग हल्की पीली छाया लेने लगे और फल थोड़ा नरम हो, तो इसकी कटाई करनी चाहिए। फलों को ध्यान से हाथ से तोड़ना चाहिए ताकी पौधा या फलों को नुक्सान न हो।

    12. पपीता की खेती में लागत

    इसकी खेती में लागत कम होती है लेकिन उत्पादन काफी जियादा होता है | 1 बीघा ज़मीन में पपीता के 800-1000 पौधे लगाए जा सकते है | लगभग 1- 1.5 लाख रुपये लागत अति है | इसमें बीज ,खाद ,पौधों की देखभाल और पानी की लगत शामिल होती है |

    13. पपीता की खेती से लाभ

    अगर आप इसकी करते हैं काफी मुनाफा होता है ,क्योंकि एक पेड़ से लगभग 40-50 kg तक फल प्राप्त हो सकते है | यदि अच्छी देखभाल कि जाये तो , तो इसकी खेती से 1 बीघा में 5-6 lakh तक का मुनाफा हो सकता है | पपीता का उपयोग जूस बनाने में , कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने में और फल के रूप में किया जाता है | पपीता खाना हमारी सेहत के लिए भीअच्छी होता हे | यह सभी कारण इसके व्यापर को बढ़ावा देते है |

    पढ़िए यह ब्लॉग अंजीर की खेती

    FAQs :

    1. पपीता की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी होती है?
    हल्की अम्लीय और बलुई दोमट मिट्टी जिसमें pH 6 से 6.5 के बीच हो, पपीता की खेती के लिए सबसे उपयुक्त होती है।

    2. पपीता की खेती का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
    पपीता की खेती के लिए जून-जुलाई या फरवरी-मार्च का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

    3. पपीता की फसल कितने समय में तैयार हो जाती है?
    पपीता की फसल 9-12 महीनों में तैयार हो जाती है।

    4. पपीता के एक पेड़ से कितना उत्पादन होता है?
    पपीता के एक पेड़ से लगभग 40-50 किलोग्राम तक फल प्राप्त हो सकते हैं।

    5. पपीता की खेती में एक बीघा पर कितने पौधे लगाए जा सकते हैं?
    एक बीघा जमीन में पपीता के 800-1000 पौधे लगाए जा सकते हैं।

    पपीता की खेती से लाभ
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