Phool gobhi ki kheti : जाने इसकी उन्नत खेती के बारे में
अगर आप सोच रहे कि कुछ ऐसी फसल की तैयारी की जाए जो आने वाली सर्दियों में अच्छी तरह से बीके भी और उस से आमदनी भी अच्छी हो तो निश्चिंत हो जाइये और करिये Phool gobhi ki kheti हमारे इस ब्लॉग की सहयता से जो की आपको इसकी खेती से जुडी हर जानकरी देगा ,और अगर आप हमारे इंस्टाग्राम चैनल के बारे में भी जानना चाहते हैं तो यहाँ Click करें |
चलिए जानते हैं Phool gobhi ki kheti से जुडी हर बात
Phool gobhi ki kheti क्या हैं ?
फूलगोभी जिसे Cauliflower के नाम से भी जाना जाता हैं,इसकी खेती सर्दियों में सबसे अधिक होती हैं और जैसे जैसे सर्दियां आती हैं तो वैसे वैसे ही इसकी मांग बढ़ती जाती हैं इसी वजह से ये इस मौसम में ज्यादा बिकने वाली सब्जी हैं और इसको हम कई चीज़ बनाने में प्रयोग करते हैं साथ ही इसका अचार भी स्वादिष्ट होता हैं
फूलगोभी की खेती के लिए मिट्टी
इसके लिए मिटटी अच्छी चुने क्योंकि इसकी खेती के लिए बालुई दोम्मट मिटटी सबसे अच्छी मानी जाती हैं क्योकि इसकी मिटटी में पानी को रुकने ना देने की क्षमता होती है इसकी खेती के मिटटी का पी एच मान 6 से 7 तक होना चहिये |
फूल गोभी की खेती की मुख्य जगह
यह उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश हरयाणा राजस्थान बिहार पंजाब और महाराष्ट्र के कुछ छेत्रों में सबसे अधिक होती हैं, क्योंकि यहाँ का ठंडा मौसम इसकी खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता हैं |
फूलगोभी के रंग
वैसे तो साधारण फूलगोभी सफ़ेद रंग की होती हैं ,परन्तु इसके और भी रंग होते हैं जैसे नारंगी हरा गुलाबी बेंगनी आदि होते हैं |
इसे खाने के फायदे
यह कैंसर में और ह्रदय से जुडी बीमारियों से बचाता हैं जिस से आप स्वास्थ रह सकते हैं और इसमें पाए जाने वाले विटामिन इसको एक सेहतमंद सब्जी बनाते हैं
फूल गोभी के रोग
- हीरकपीठ पतंगा : इस रोग की वजह से इसके पत्ते पीले पड़ जाते
- एफिड्स : ये रोग पत्तो का रस चूस लेता हैं जिस से पत्ते सूख जाते हैं
- जड़ सड़न : इसकी वजह से मिटटी की उपजाऊ छमता काम हो जाती और जड़े सड़ जाती हैं
फूलगोभी को कैसे उगाएं
सबसे पहले आप एक अच्छे बीज को चुने और उसे नरसरी में 3 से 4 दिन के लिए उगने के लिए छोड़ दे उसके बाद उन्हें निकाले और फिर हर 45 सेंटीमीटर की दूरी पर उन्हें अच्छे से गाड़ दे |इसमें अगर जब भी आप पानी लगाए तो ध्यान रहे की पानी का जमाव नहीं होना चाहिए | अगर आप खाद डाल रहे हैं तो ऐसी खाद डाले जिसमे नाइट्रोजन फॉस्फोरस और पोटैशियम का अच्छा मिश्रण हो |
Phool gobhi ki kheti se laabh
किसान इसकी खेती से काफी मुनाफा कमा सकते है क्योंकि ये सर्दियों में काफी बिकती हैं और अगर आप सही समय पर इसकी खेती कर लेंगे तो इसकी खेती का फायदा ले सकते हैं | लेकिन अगर आप मालूयांकन करे तो खरीफ सीजन की फूलगोभी रबी सीजन की फूलगोभी से अधिक दाम में बिकती हैं |
Phool gobhi ki kheti se jude FAQ’S
फूल गोभी के लिए कौनसा मौसम सबसे अच्छा है?
फूल गोभी की खेती अक्टूबर से जनवरी के बीच में सबसे अच्छी होती है, क्योंकि ये ठंडे मौसम में अच्छी तरह उगती है।
फूल गोभी के लिए कौन सी मिट्टी उत्तम है?
फूल गोभी के लिए बलुई दोमट या चिकनी दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है, जो अच्छे जल निकासी और कार्बनिक पदार्थ से भरपूर हो।
फूल गोभी की खेती के लिए कितना तापमान ज़रूरी है?
फूल गोभी के लिए 15-20°C का तापमान सही है। उच्च तापमान में इसका गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित होता है।
फूल गोभी में पानी की जरुरत कैसे पूरी करें?
नियमित सिंचाई जरूरी है, लेकिन जलभराव से बचना चाहिए। कटाई के समय तक मध्यम नमी वाला केला जरूरी है।
फूल गोभी की खेती में लगने वाले रोग और प्रबंधन क्या है?
कॉमन रोग में ब्लैक रोट और डाउनी फफूंदी हैं। इनहे नियंत्रण करने के लिए, बीज उपचार और नियमित कवकनाशी स्प्रे का उपयोग करें।
फूल गोभी में खाद और पोषक तत्वों का उपयोग कैसे करें?
प्रारंभिक चरण में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का संतुलन जरूरी है। 10-15 टन/हेक्टेयर खाद या एफवाईएम भी मिल सकता है।
फूल गोभी के बीज को लगाने का सही तरीका क्या है?
पौध को नर्सरी में 4-5 सप्ताह के बाद मुख्य खेत में रोपा जा सकता है। स्पेसिंग को 45×45 सेमी या 60×60 सेमी रखें।
फूल गोभी का प्रोडक्शन कब और कैसे लिया जाता है?
फूल गोभी लगभाग 90-120 दिन में फसल तैयार हो जाती है। सफ़ेद और कॉम्पैक्ट हेड्स को टूटकर फ़सल करनी चाहिए।
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