Close Menu
aapkikheti

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये तरीके

    दुधारू गाय की नस्ल : जाने भारत में पाय जाने वाली गाय की नस्ल के बारे में

    भारत में बकरी की नस्लें : जाने बकरी की नस्ल और उनकी कीमत के बारे में

    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    aapkikheti
    Subscribe
    • मुख पृष्ठ
    • कृषि
      • जैविक
      • फसल
      • बागवानी
        • पुष्प
        • फल
        • सब्ज़ी
    • पशुपालन
      • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
      • पशु चारा(Animal Fodder)
      • बकरी पालन (Goat Farming)
      • मत्स्य पालन (Fisheries)
      • मुर्गी पालन (Poultry)
      • सूअर पालन (Piggery)
    • औषधीय पौधे
    • कृषि उपकरण
    • समाचार
    • सरकारी योजना
    • अन्य
      • कृषि एवं खाद्य मेले
      • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
      • कृषि शिक्षा
    • वेब कहानियाँ
    • हमारे बारे में
    • मैगजीन
    • संपर्क
    aapkikheti
    You are at:Home » Sugarcane ki kheti: तना छेदक खतरनाक कीट से ऐसे करें बचाव पढ़े ब्लॉग
    कृषि

    Sugarcane ki kheti: तना छेदक खतरनाक कीट से ऐसे करें बचाव पढ़े ब्लॉग

    AapkikhetiBy AapkikhetiNovember 23, 2024Updated:November 25, 2024No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Email Reddit
    Sugarcane ki kheti -aapkikheti.com
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    Table of Contents

    Toggle
    • Sugarcane ki kheti: तना छेदक खतरनाक कीट से ऐसे करें बचाव पढ़े ब्लॉग
      • Sugarcane ki kheti से जुड़ी हर बडी खबर जानिए इस ब्लॉग में
      • Sugarcane ki kheti kaise kare
      • गन्ने की उन्नत किस्में
      • मिट्टी और जलवायु
      • सिंचाई
      • खरपतवार नियंत्रन
      • खाद
      • गन्ने का तना छेदक: एक परिचय
      • तना छेदक के हमले के लक्षण
      • तना छेदक से बचाव के उपाय
            • 1. उचित फसल चक्र (Crop Rotation)
            • 2. जैविक नियंत्रण (Biological Control)
            • 3. रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)
            • 4. यांत्रिक नियंत्रण (Mechanical Control)
            • 5. सांस्कृतिक नियंत्रण (Cultural Control)
            • 6. अवशेष प्रबंधन (Residue Management)
      • कीट प्रबंधन में किसानों की भूमिका

    Sugarcane ki kheti: तना छेदक खतरनाक कीट से ऐसे करें बचाव पढ़े ब्लॉग

    Sugarcane Ki kheti  भारतीय कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यह विभिन्न कीटों और बीमारियों से प्रभावित हो सकती है। इनमें से सबसे खतरनाक कीटों में से एक है ‘गन्ने का तना छेदक’ (Sugarcane stem borer)। यदि इस कीट का समय रहते सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया गया तो यह भारी नुकसान पहुंचा सकता है। इस ब्लॉग में  किट से कैसे करे बचाव विस्तार से चर्चा करेंगे।

    Sugarcane ki kheti से जुड़ी हर बडी खबर जानिए इस ब्लॉग में

    Sugarcane ki kheti kaise kare

    गन्ने की खेती के लिए पहले गन्ने के टुकड़े या “सेट्स” को छोटे टुकड़ों में काट कर लगाया जाता है। हर टुकड़े में 2-3 आंखें होनी चाहिए, जहां से नए पौधे उगते हैं। सेटट्स को 10-15 सेमी गहराई में बीज लवन करते हैं और इन्हें सुरक्षित खेतों में अच्छे से लगते हैं।

    गन्ने की उन्नत किस्में

    गन्ने की उन्नत किस्में है जो उपज और चीनी के सितारों को बढ़ाती है। कुछ प्रमुख किस्मे हैं: सीओ 86032
    सीओजे 64
    सीओ 238
    इन किस्मो के उपयोग अधिक उत्पादन और प्रतिधान के लिए किया जाता है।

    मिट्टी और जलवायु

    गन्ने की खेती के लिए दोमत मिट्टी या भारी लोम मिट्टी सबसे उत्तम होती है। मिट्टी का pH लेवल 6.5 -7.5 के बीच होना चाहिए। गन्ने को गरम और नरम जलवायु की ज़रूरत होती है, जिसमें 20-35 डिग्री सेल्सियस का तापमान होता है।

    सिंचाई

    गन्ने की खेती में सिंचाई एक महत्वपूर्ण भाग है। बीज लवन के 2-3 दिन बाद पहली सिंचाई करनी चाहिए। उसके बाद, फसल के विकास के हिसाब से हर 10 -15 दिन में सिंचाई करनी होती है। तापमान के हिसाब से सिंचाई का इंटरवल कम या ज़्यादा हो सकता है।

    खरपतवार नियंत्रन

    गन्ने की खेती में खरपतवार को समय पर नियंत्रित करना जरूरी है। मल्चिंग का इस्तमाल या हाथ से खरपतवार को साफ करना अच्छा तरीके हैं। ये खेती में उनके प्रभाव को कम करता है और पौधों की अच्छी वृद्धि होती है।

    खाद

    गन्ने की खेती में सही मात्रा में जैविक और रसायनिक खाद का प्रयोग जरूरी होता है। जैविक खाद जैसी गोबर की खाद और रसायनिक खाद जैसी नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश को समय पर देना चाहिए ताकि फसल की वृद्धि अच्छी हो और उपज में वृद्धि हो।

    गन्ने का तना छेदक: एक परिचय

    गन्ने का तना छेदक एक प्रमुख कीट है जो गन्ने की फसल को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है। इस कीट के लार्वा गन्ने के तने में घुसकर भीतर से खाते हैं, जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है और फसल की गुणवत्ता और उपज में भारी गिरावट आती है। तना छेदक के लक्षणों में तनों में छिद्र, पीले पत्ते, और सूखे तने शामिल हैं।

    तना छेदक के हमले के लक्षण

    तना छेदक के हमले के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हैं:

    तनों में छिद्र: गन्ने के तने में छोटे-छोटे छिद्र दिखाई देते हैं, जो कीट के प्रवेश के निशान होते हैं।

    पीले और सूखे पत्ते: पौधे की पत्तियाँ पीली हो जाती हैं और समय से पहले सूखने लगती हैं।

    गन्ने का गिरना: तनों की कमजोरी के कारण गन्ने का पौधा गिर सकता है।

    कमजोर तना: तना अंदर से खोखला और कमजोर हो जाता है, जिससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

    तना छेदक से बचाव के उपाय

    तना छेदक के प्रकोप से गन्ने की फसल को बचाने के लिए विभिन्न उपाय अपनाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:

    1. उचित फसल चक्र (Crop Rotation)

    फसल चक्र अपनाने से तना छेदक कीट की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है। गन्ने के बाद अन्य फसलों की खेती करने से कीट के जीवन चक्र को बाधित किया जा सकता है और उनकी संख्या कम की जा सकती है।

    2. जैविक नियंत्रण (Biological Control)

    तना छेदक के नियंत्रण के लिए जैविक नियंत्रण एक प्रभावी उपाय है। जैविक नियंत्रण में निम्नलिखित शामिल हैं:

    परजीवी ततैया: Trichogramma जैसे परजीवी ततैया तना छेदक के अंडों पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट करते हैं।

    परभक्षी कीड़े: कुछ परभक्षी कीड़े, जैसे कि Chrysoperla, तना छेदक के लार्वा को खाते हैं और उनकी संख्या को नियंत्रित करते हैं।

    3. रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)

    तना छेदक के प्रकोप के समय रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता है। हालांकि, रासायनिक नियंत्रण को अंतिम उपाय के रूप में उपयोग करना चाहिए और इसे सावधानीपूर्वक करना चाहिए। निम्नलिखित कीटनाशक तना छेदक के नियंत्रण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं:

    क्लोरपायरीफॉस (Chlorpyrifos), साइपरमेथ्रिन (Cypermethrin) कार्बोफ्यूरान (Carbofuran)

    4. यांत्रिक नियंत्रण (Mechanical Control)

    यांत्रिक नियंत्रण विधियाँ तना छेदक के प्रकोप को कम करने में सहायक होती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

    प्रभावित तनों को हटाना: संक्रमित तनों को पहचानकर उन्हें खेत से हटाना चाहिए, ताकि कीट का प्रसार रोका जा सके।

    गन्ने की उचित रोपण दूरी: गन्ने के पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें, जिससे हवा और रोशनी का संचरण बेहतर हो सके और कीट का प्रसार कम हो।

    5. सांस्कृतिक नियंत्रण (Cultural Control)

    सांस्कृतिक नियंत्रण विधियाँ गन्ने की फसल के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

    समय पर बुवाई और कटाई: गन्ने की बुवाई और कटाई के समय का सही चयन करने से तना छेदक के प्रकोप को कम किया जा सकता है।

    स्वच्छता और सफाई: खेत की सफाई और पुराने फसलों के अवशेषों को हटाने से कीट के प्रजनन स्थल कम होते हैं।

    6. अवशेष प्रबंधन (Residue Management)

    गन्ने की फसल के बाद खेत में बचे अवशेषों को प्रबंधित करना भी तना छेदक के नियंत्रण में सहायक होता है। अवशेषों को जलाने या उन्हें गहरी जुताई द्वारा मिट्टी में मिलाने से कीट के अंडों और लार्वा को नष्ट किया जा सकता है।

    कीट प्रबंधन में किसानों की भूमिका

    तना छेदक से बचाव के लिए किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उन्हें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

    नियमित निरीक्षण: फसल की नियमित रूप से जाँच करें और प्रारंभिक लक्षणों की पहचान करें।

    सही जानकारी: कीट प्रबंधन के बारे में सही जानकारी प्राप्त करें और कृषि विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सलाह का पालन करें।

    समुचित प्रशिक्षण: कीट प्रबंधन और नियंत्रण विधियों के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करें।

    गन्ने की फसल को तना छेदक जैसे खतरनाक कीटों से बचाना आवश्यक है, अन्यथा भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। उचित फसल चक्र, जैविक, रासायनिक, यांत्रिक, सांस्कृतिक, और अवशेष प्रबंधन विधियों का सही उपयोग करके इस कीट के प्रकोप को नियंत्रित किया जा सकता है। किसानों को समय पर उचित कदम उठाने और कीट प्रबंधन के उपायों का पालन करने से फसल की सुरक्षा और उत्पादन में वृद्धि संभव है।

    Sugarcane Ki kheti ब्लॉग में बताए गए उपायों का पालन करके किसान अपनी गन्ने की फसल को तना छेदक के खतरनाक प्रकोप से बचा सकते हैं और अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाएगा। कृषि से जुड़ी जानकारी के लिए यहां क्लिक करें Aapkikheti.com 
    और हमारे इंस्टाग्राम से जुड़ने के लिए यहां Click  करे जिस से आपको रोज़ कृषि से जुड़ी बातें सुनने को मिले

    Suggested to read 

    Sugarcane ki kheti Sugarcane ki kheti kaise kare Tana chedak ke bachav
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Telegram Email
    Previous ArticleStrawberry ki kheti: खेती से जुडी हर जानकरी जाने यहां
    Next Article चारकोल का उपयोग :कैसे बढ़ाएं मिट्टी की उपज, खेतों में इस तरीके से करें इस्तेमाल
    Aapkikheti
    • Website

    Related Posts

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये तरीके

    August 11, 2025

    Pregnancy Me Anjeer Khane Ke Fayde : जाने और भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    August 8, 2025

    अक्टूबर में बोई जाने वाली सब्जियां : जाने किन सब्जियों को इस महीने में बोया जाता हैं

    August 8, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    शीर्ष पोस्ट

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये तरीके

    August 11, 2025

    दुधारू गाय की नस्ल : जाने भारत में पाय जाने वाली गाय की नस्ल के बारे में

    August 11, 2025

    भारत में बकरी की नस्लें : जाने बकरी की नस्ल और उनकी कीमत के बारे में

    August 11, 2025

    Pregnancy Me Anjeer Khane Ke Fayde : जाने और भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    August 8, 2025
    इसे मत चूको!
    कृषि August 11, 2025

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये तरीके

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये…

    दुधारू गाय की नस्ल : जाने भारत में पाय जाने वाली गाय की नस्ल के बारे में

    भारत में बकरी की नस्लें : जाने बकरी की नस्ल और उनकी कीमत के बारे में

    Pregnancy Me Anjeer Khane Ke Fayde : जाने और भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    श्रेणियाँ

    • Featured
    • Featured Stories
    • Uncategorized
    • अन्य
    • एमपी न्यूज़
    • औषधीय पौधे
    • औषधीय पौधे
    • कृषि
    • कृषि उपकरण
    • कृषि एवं खाद्य मेले
    • कृषि शिक्षा
    • कृषि समाचार
    • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
    • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
    • जैविक
    • जैविक खेती
    • ट्रेंडिंग पोस्ट
    • पशुपालन
    • पुष्प
    • फल
    • फसल
    • बकरी पालन (Goat Farming)
    • बागवानी
    • मत्स्य पालन (Fisheries)
    • मुर्गी पालन (Poultry)
    • सब्ज़ी
    • सरकारी योजनाएँ

    अभी के पोस्ट

    हमारे बारे में
    हमारे बारे में

    Aapkikheti में आपका स्वागत है - टिकाऊ खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल की पैदावार को अधिकतम करने से संबंधित हर चीज के लिए आपका पसंदीदा मंच। हम पर्यावरण को संरक्षित करते हुए किसानों को स्वस्थ फसलें उगाने में मदद करने के लिए जैविक खेती, स्मार्ट सिंचाई और नवीन तरीकों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    हमारी पसंद

    आधुनिक खेती करने के 5 तरीके : खेती को सफल बनाने के लिए अपनाये ये तरीके

    दुधारू गाय की नस्ल : जाने भारत में पाय जाने वाली गाय की नस्ल के बारे में

    भारत में बकरी की नस्लें : जाने बकरी की नस्ल और उनकी कीमत के बारे में

    सबसे लोकप्रिय

    Sitafal ki kheti कैसे करें ?

    February 2, 2023

    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    December 7, 2023

    अफ़ीम की खेती कैसी होती है ?अफ़ीम की खेती का लाइसेंस,कमाई

    December 8, 2023
    © 2025 Aapkikheti. Designed by Mobdigital.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version