Close Menu
aapkikheti

    Subscribe to Updates

    Get the latest creative news from FooBar about art, design and business.

    What's Hot

    PM Kisan 21 Installment : अभी करे ये जरूरी काम तभी आएगी 21वीं क़िस्त

    पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

    Kesar Khane Ke Fayde: केसर को खाये और पाए ये गजब के फायदे

    Facebook X (Twitter) Instagram
    Facebook X (Twitter) Instagram
    aapkikheti
    Subscribe
    • मुख पृष्ठ
    • कृषि
      • जैविक
      • फसल
      • बागवानी
        • पुष्प
        • फल
        • सब्ज़ी
    • पशुपालन
      • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
      • पशु चारा(Animal Fodder)
      • बकरी पालन (Goat Farming)
      • मत्स्य पालन (Fisheries)
      • मुर्गी पालन (Poultry)
      • सूअर पालन (Piggery)
    • औषधीय पौधे
    • कृषि उपकरण
    • समाचार
    • सरकारी योजना
    • अन्य
      • कृषि एवं खाद्य मेले
      • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
      • कृषि शिक्षा
    • वेब कहानियाँ
    • हमारे बारे में
    • मैगजीन
    • संपर्क
    aapkikheti
    You are at:Home » afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग
    औषधीय पौधे

    afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग

    AapkikhetiBy AapkikhetiMarch 5, 2024Updated:March 5, 2024No Comments4 Mins Read
    Facebook Twitter Pinterest Telegram LinkedIn Tumblr Email Reddit
    afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp Email

    Table of Contents

    Toggle
    • afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग
          • 1.मृदुरोमिल आसिता (कोडिया एवं काली मस्सी रोग)
          • 2. छाछिया रोग
          • 3. विषाणु 4जनित (एफिड्स एवं सफेद मक्खी द्वारा)
          • 4. भूमिगत कीट दीमक एवं कटुआ इल्ली
          • 5. जड़ गलन रोग का समन्वित प्रबंधन
          • 6. डोडे की लट
          • 7. पाला

    afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग

    1.मृदुरोमिल आसिता (कोडिया एवं काली मस्सी रोग)

    afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग :- afeem उगाने वाले सभी क्षेत्रों में दौनी मिल्ड्यू (काली मस्सी) से बहुत हानि होती हैं। रोग का प्रकोप पौध अवस्था से लेकर फल आने तक बहुत हानि मस्सी से पौधे की पत्तियों पर भूरे या काळा धब्बे बन जाते हैं। इस रोग से प्रभावित फसल की बढ़वार निचे की पत्तियों पर फैल जाते हैं। इस रोग से प्रभावित फसल की बढ़वार कम हो जाती हैं। कोडिया रोग की रोकथाम के लिए बीजोपचार हेतु फफूंदनाशी दवा मेटालेक्सिल 35 एस.डी. (एप्रोन) 8 ग्राम प्रति किलो बीज दर से उपचारित करके ही बुवाई करें। इसके बाद फसल में रोग प्रकट होने पर फफूंदनाशी दवा मेंकोजेब 64. मेटालेक्सिल 8: (रिडोमिल एम जेड-72 डब्ल्यूपी) घुलनशील चूर्ण का (0.2:) अर्थात 2 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी में पहला छिड़काव रोग के लक्षण प्रकट होने पर दूसरा व तीसरा छिड़काव 15 दिन के अंतराल से दोहरावें।

    afeem

    2. छाछिया रोग

    इस रोग को चूर्णिल आसिता या पाउडरी मिल्ड्यू भी कहते हैं। यह रोग इरिसीफी पोलिगोनाइ नामक फफूंद से होता हैं। रोग फफूंद के कोनिडिया से होता हैं। इस रोग के लक्षण पौधे के तना के निचले हिस्से पर दिखाई देते हैं। बाद में यह रोग धीरे-धीरे पत्तियों पर सफेदी के रूप में दिखाई देता हैं। बाद में सफेद धब्बे बन जाते हैं। धीरे-धीरे वह काले पड़ जाते हैं। इस रोग का प्रकोप तीव्र होने पर कभी-कभी सफेद चूर्ण डोडों पर भी दिखाई पड़ता हैं तथा पूरा पौधा सफेद चूर्ण से ढक जाता हैं। इसकी रोकथाम के लिए फसल बुवाई के 70, 85 एवं 105 दिनों पर टेब्यूकोनाजोल 1.5 मि.ली.ध्लीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।

    3. विषाणु 4जनित (एफिड्स एवं सफेद मक्खी द्वारा)

    पीली पत्ती रोग (मोजेक) का प्रबंधन रोग ग्रसित पौधों को उखाड़कर जलायें अथवा गहरे गड्ढे में दबाएं। कीटनाशक दवा इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एस. एल. का 0.3 मि.ली.ध्लीटर पानी या डाइमिथिएट 30 ई.सी. 2 मि.ली. घ्लीटर पानी में घोलकर पहला छिड़काव करें एवं दूसरा व तीसरा छिड़काव 10-12 दिन के अन्तराल से

    afeem मैं लगने वाले प्रमुख रोग

    4. भूमिगत कीट दीमक एवं कटुआ इल्ली

    इसके अंतर्गत वे कीट आते है जो भूमि में रहकर अफीम के पौधों की जड़ों को नुकसान पहुँचाते है। रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफास का छिड़काव करें। नीम की खल/500 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डाले।

    5. जड़ गलन रोग का समन्वित प्रबंधन

    फसल बुवाई से पहले नीम की खली की खाद 500 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से अथवा 80 किलो 20 आरी क्षेत्र में मिलायें। जैव फफूंदनाशी ट्राइकोड्रामा चूर्ण से 10 ग्राम प्रति किलो बीज के दर से बीज उपचार करें। अफीम की फसल के 35 एवं 60 दिनों के उपरान्त फफूंदनाशी दवाओं जैसे दृ हेक्जाकोनाजोल 5 ई. सी. (0.1:) 1 मि.ली. प्रति लीटर या मेंकोजेब 75: चूर्ण (0.3:) 4 ग्रामध्लीटर की दर से पानी का घोल बनाकर फसल की जड़ों में ड्रेचिंग करें।

    6. डोडे की लट

    क्यूनालफॉस (25 इ.सी.) 1.5 मी.ली. से 2.0 मि.ली. एक लीटर पानी में मिलावें। (0.04-0.05:) बिस आरी क्षेत्र के लिए 200-250 मि.ली.क्यूनालफॉस 125 लीटर पानी में मिलावें अथवा मोनोक्रोटोफॉस 1 मि लीलीटर पानी में मिलावें। जैव फफूंदनाशक 10 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर 200 की.ग्रा. पकी हुई गोबर की खाद में मिलाकर भूमि उपचार करें। बिस आरी के लिए 100-150 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 100-150 लीटर पानी में मिलावें ।

    https://aapkikheti.com/medicinal-plants/afeem-ki-kheti/

    7. पाला

    afeem की फसल को पीला से बहुत ज्यादा नुकसान होता हैं। अतः फसल को निम्न प्रकार बचाया जाये पला पड़ने की संभावना हो या पाला पड़ गया हो तो तुरंत प्रारम्भ से सिंचाई करें। पाला पड़ने से पूर्व सिंचाई करने से पाले का असर कम होता हैं। फसल के चारों और धुँआ करने से पाले का असर कम होता हैं। गंधक का तेजाब का 0.1: घोल अर्थात 120-150 मि.ली. गंधक का तेजाब 120-50 लीटर पानी में मिलाकर 20 आरी क्षेत्र में छिड़काव करें। उपरोक्त उपचार 15 दिन बाद दोहरा

    Afeem me lage wale kit
    Share. Facebook Twitter Pinterest LinkedIn Reddit WhatsApp Telegram Email
    Previous ArticlePradhan Mantri Suryoday Yojana: Solar Yojana 2024 क्या है?
    Next Article Kisan Shakti Loan क्या है और आवेदन करने की प्रक्रिया
    Aapkikheti
    • Website

    Related Posts

    Kesar Khane Ke Fayde: केसर को खाये और पाए ये गजब के फायदे

    October 28, 2025

    Khajur Ke Beej Ke Fayde : जाने क्या क्या हैं फायदे

    February 12, 2025

    Alsi khane ke fayde : वजन को कम करने के साथ जाने क्या क्या फायदे हैं

    January 18, 2025
    Leave A Reply Cancel Reply

    शीर्ष पोस्ट

    PM Kisan 21 Installment : अभी करे ये जरूरी काम तभी आएगी 21वीं क़िस्त

    October 29, 2025

    पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

    October 28, 2025

    Kesar Khane Ke Fayde: केसर को खाये और पाए ये गजब के फायदे

    October 28, 2025

    Pregnancy Me Anjeer Khane Ke Fayde : जाने और भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    October 28, 2025
    इसे मत चूको!
    ट्रेंडिंग पोस्ट October 29, 2025

    PM Kisan 21 Installment : अभी करे ये जरूरी काम तभी आएगी 21वीं क़िस्त

    PM Kisan 21 Installment : अभी करे ये जरूरी काम तभी आएगी 21वीं क़िस्त पीएम…

    पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

    Kesar Khane Ke Fayde: केसर को खाये और पाए ये गजब के फायदे

    Pregnancy Me Anjeer Khane Ke Fayde : जाने और भी जानकारी हमारे इस ब्लॉग से

    श्रेणियाँ

    • Featured
    • Featured Stories
    • Uncategorized
    • अन्य
    • एमपी न्यूज़
    • औषधीय पौधे
    • औषधीय पौधे
    • कृषि
    • कृषि उपकरण
    • कृषि एवं खाद्य मेले
    • कृषि शिक्षा
    • कृषि समाचार
    • खाद्य भंडारण और पैकेजिंग
    • गाय भैंस (Cow Buffalo Rearing)
    • जैविक
    • जैविक खेती
    • ट्रेंडिंग पोस्ट
    • पशुपालन
    • पुष्प
    • फल
    • फसल
    • बकरी पालन (Goat Farming)
    • बागवानी
    • मत्स्य पालन (Fisheries)
    • मुर्गी पालन (Poultry)
    • सब्ज़ी
    • सरकारी योजनाएँ

    अभी के पोस्ट

    हमारे बारे में
    हमारे बारे में

    Aapkikheti में आपका स्वागत है - टिकाऊ खेती, आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल की पैदावार को अधिकतम करने से संबंधित हर चीज के लिए आपका पसंदीदा मंच। हम पर्यावरण को संरक्षित करते हुए किसानों को स्वस्थ फसलें उगाने में मदद करने के लिए जैविक खेती, स्मार्ट सिंचाई और नवीन तरीकों पर विशेषज्ञ सलाह प्रदान करते हैं।

    Facebook X (Twitter) Pinterest YouTube WhatsApp
    हमारी पसंद

    PM Kisan 21 Installment : अभी करे ये जरूरी काम तभी आएगी 21वीं क़िस्त

    पराली के बदले गोवंश खाद योजना: पराली के बदले गोबर की खाद दे रही सरकार जाने

    Kesar Khane Ke Fayde: केसर को खाये और पाए ये गजब के फायदे

    सबसे लोकप्रिय

    Sitafal ki kheti कैसे करें ?

    February 2, 2023

    Neem एक Fayde अनेक किसान का अनुभव

    December 7, 2023

    अफ़ीम की खेती कैसी होती है ?अफ़ीम की खेती का लाइसेंस,कमाई

    December 8, 2023
    © 2025 Aapkikheti. Designed by Mobdigital.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version