Peppermint Ki Kheti : ये खेती करके होने वाला हैं आपको बेहतरीन मुनाफा
क्या आपको पता हैं की Peppermint Ki Kheti करके आपको काफी अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिल सकता हैं | क्योंकि इसकी खेती के बाजार में अच्छे भाव मिलते हैं तो चलिए जानते हैं की किस तरह से इसकी खेती करके आप भी बेहतर फसल ऊगा सकते हैं | अगर हमसे जुड़े रहना चाहते हैं तो वेबसाइट पर दिख रही नोटिफिकेशन पर क्लिक करे |
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Pippermint ki kheti
पेपरमिंट जिसे मैंथा के नाम से भी जाना जाता हैं , इसकी तासीर ठंडी होने के कारण इसकी बाजरों में कई अधिक मांग रहती हैं | पेपरमिंट को अधिकतर लोग पोदीना समझते हैं जबकि ऐसा नहीं हैं क्योंकि पोदीना का प्रयोग अलग और पेपरमिंट का प्रयोग बिलकुल अलग हैं|
पुदीना और पिपरमेंट में अंतर
पिपरमेंट और पुदीना दोनों एक ही तरह के पेड़ होते हैं लेकिन पुदीना का प्रयोग अत्यधिक दवाइयां और घरों में किया जाता है इसके अलावा पिपरमेंट का प्रयोग ठंडक वाली चीजों में करते हैं जैसे की नवरत्न पाउडर और तेल पिपरमेंट
Pippermint ki kheti ke liye mitti
पिपरमेंट की खेती के लिए सबसे अच्छी रेतीली दोमट मिट्टी, दोमट मिट्टी होती है| मिट्टी की पीएच वैल्यू 6 से 7 के बीच होनी चाहिए जो इसकी खेती के लिए उपयोगी होती है, और ज्यादा अधिक पानी इसकी खेती में हानि पहुंचा सकता है |तो ध्यान में रखें कि जब उसकी खेती करें तो पानी का लेवल कम ही रखें |
Peppermint Uses
पिपरमेंट का उपाय बहुत वाइड रेंज में होता है। इसका सबसे प्रमुख उपाय दवा में होता है, जहां ये पाचन के लिए, सिरदर्द से राहत, और सांस लेने के लिए उपयोग होता है। पिपरमेंट ऑयल अरोमाथेरेपी में तनाव से राहत के लिए भी इस्तेमाल होता है। इसका उपाय खाद्य उद्योग में स्वाद के रूप में, जैसे कैंडीज, च्यूइंग गम, और पेय पदार्थ में होता है।
पिपरमेंट कितने दिन में तैयार हो जाता है
पिपरमिन्ट की खेती की 100 से लेकर 120 दिनों में होती हैं , जोकि वहां के वातावरण के हिसाब से होती है | अगर कही का वातावरण उसकी खेती के लिए उपयुक्त नहीं है तो समय ज्यादा भी लग सकता हैं
Peppermint Oil Benefits
1. पाचन के लिए फायदेमंद
- पिपरमिंट टी बदहजमी, गैस और एसिडिटी को कम करती है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करती है।
2. सिरदर्द और माइग्रेन में आराम
- इसमें प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और रिलैक्सिंग गुण होते हैं, जो सिरदर्द और माइग्रेन से राहत दिलाने में सहायक होते हैं।
3. सांस की बदबू को दूर करती है
- पिपरमिंट में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो मुंह के बैक्टीरिया को खत्म कर सांसों को ताजा रखते हैं।
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है
- इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स, विटामिन और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
5. तनाव और चिंता को कम करती है
- इसकी सुगंध दिमाग को शांति देती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है और नींद अच्छी आती है।
6. वजन घटाने में मददगार
- यह मेटाबॉलिज्म को तेज करती है और भूख को नियंत्रित रखती है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
7. सर्दी-जुकाम और सांस की समस्याओं में फायदेमंद
- यह बलगम को साफ करती है और गले की खराश, खांसी और सर्दी-जुकाम में राहत देती है।
Peppermint ki kheti kaise karen
खेती करने के लिए आपको यहाँ दी गयी जानकारी को ध्यान से पढ़ना हैं :
- सबसे पहले आपको खेत को अच्छे से जोतना हैं , और उसे समतल करलेना हैं जिस से खेती के उपज में बढ़ोतरी हो सके अगर ज्यादा पत्थर रह गए तो समस्या हो सकती हैं |
- खेती के लिए बीज चुनाव भी जरूरी हैं, अगर सही बीजों का चुनाव करना हैं तो पास की किसी खाद की दुकान से बीज ले आओ और अगर आपको बीज ऑनलाइन खरीदने हैं तो यहाँ क्लिक करे | Click Here
- 1 बीघा में 10 से 15 किलो बीज की जरुरत होती हैं ,जोकि 30 से 35 किलो रुपए का मिलता हैं |
- पेपरमिंट के लिए बीजो को मिटटी नरमाई से डालना होता हैं इसके समय मिटटी को नरम बना के रखे और बीजो को उसके ऊपर से बिछा दे |
1 किलो मेंथा तेल का रेट क्या है?
अगर एक बीघा में पिपरमिंट की खेती की जाए तो इससे 20 से 25 लीटर तेल निकाला जा सकता है। बाजार में पुदीना का तेल काफी महंगा बिकता है। बाजार में पिपरमिंट का तेल करीब एक हजार से डेढ़ हजार रुपये प्रति लीटर बिकता है। वहीं, पिपरमिंट तेल के उत्पादन की लागत प्रति लीटर करीब पांच सौ रुपये आती है। ऐसे में यह खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा हो सकती है।
Peppermint ki kheti kab hoti hain
इसकी खेती आप जनवरी से लेकर मार्च सकते हैं, साथ ही ये ध्यान दे की अगर आप इसकी खेती करने में ज्यादा देर करते हैं तो पत्तियों में से तेल निकलने के कम हो जाती हैं |
FAQ’S Of Peppermint ki kheti
पुदीना की खेती से कितना कमा सकते हैं मुनाफा?
पुदीना की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। एक बीघा जमीन में इसकी खेती करके 20-25 लीटर मेंथा ऑयल निकाला जा सकता है, जिसकी कीमत बाजार में ₹1000 से ₹1500 प्रति लीटर है। उत्पादन लागत ₹500 प्रति लीटर आती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
पुदीना और पुदीना में क्या अंतर है?
पुदीना और पुदीना देखने में एक जैसे लगते हैं, लेकिन दोनों अलग-अलग पौधे हैं। पुदीना का इस्तेमाल मुख्य रूप से घरेलू रसोई और दवाइयों में किया जाता है, जबकि पुदीना का इस्तेमाल तेल, पाउडर और दवाइयों जैसे ठंडक देने वाले उत्पादों में ज्यादा होता है।
पुदीना की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे उपयुक्त है?
पुदीना की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 के बीच होना चाहिए। अधिक पानी से फसल को नुकसान हो सकता है, इसलिए जल निकासी का उचित ध्यान रखना जरूरी है।
पुदीना की खेती का सही समय क्या है?
जनवरी से मार्च पुदीना की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय है। देर से खेती करने पर पौधों में तेल की मात्रा कम हो सकती है, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है।
पुदीना किसके लिए प्रयोग किया जाता है?
पुदीना का उपयोग दवाओं, अरोमाथेरेपी, खाद्य उद्योग और कॉस्मेटिक उत्पादों में किया जाता है। यह पाचन में सुधार, सिरदर्द से राहत, सांसों की बदबू को दूर करने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और तनाव को कम करने में मदद करता है।